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गुलजार की टॉप शायरी “Gulzar की बेहतरीन शायरी: A Collection of His Best –

गुलजार की बेहतरीन शायरी

गुलजार की शायरी – इस ब्लॉग में प्रस्तुत हैं गुलजार की बेहतरीन शायरी के चयनित अंश, जो उनके भावनात्मक और कवि-कला के अद्भुत पहलुओं को उजागर करते हैं। हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध, ये शेर प्रेम, दर्द, और जीवन के अन्य रंगों की एक झलक पेश करते हैं। गुलजार के शब्दों की जादूई दुनिया का आनंद लें और उनके दिल को छू लेने वाले विचारों में खो जाएँ।

तेरा हिज्र मेरा नसीब है,तेरा ग़म ही मेरी हयात है।

चाँद पिघल रहा है आसमान की बाहों में,
सूरज सिमट रहा है रात की निगाहों में।

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ,
किसी की आँख में हमको भी इंतजार दिखे।

दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन,
बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानां किए हुए।

आगे आ रही थी ज़िन्दगी,
पीछे मौत आ रही थी।

वो उम्र कम कर रहा था मेरी,
मैं साल अपने बढ़ा रहा था।

चाँद पिघल रहा है आसमान की बाहों में,
सूरज सिमट रहा है रात की निगाहों में।

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ,
किसी की आँख में हमको भी इंतजार दिखे।

दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन,
बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानां किए हुए।

आगे आ रही थी ज़िन्दगी,
पीछे मौत आ रही थी।

वो उम्र कम कर रहा था मेरी,
मैं साल अपने बढ़ा रहा था।

तुम आए हो न शब-ए-इंतज़ार गुज़री है,
तलाश में है सहर बार-बार गुज़री है।

सिर्फ आवाज़ ही सुनाई देती है,
दिल नहीं छूता, बात नहीं होती।

शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आपकी कमी सी है।

थोड़ी सच्चाई से मिलकर झूठ कहे हैं,
लोग अच्छे हो नहीं सकते, इतने बुरे हैं।

दर्द की भी अपनी एक अदा है,
वो भी सहने वालों पर फ़िदा है।

मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में,
बस हम गिनती उसी की करते हैं, जो हासिल न हो सका।

रात बहुत भारी थी,
सहर का रंगत आंसूओं में ढली।

इक बात कही थी मैंने,
सोचता हूँ अब उसे वापस ले लूँ।

वक्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इसकी भी इंसान जैसी है।

सिर्फ खयाल बन कर रह जाते हैं कुछ लोग,
मुलाकात तो खैर मुकद्दर की बात है

कभी जिंदगी में यूं भी हो,
हर तरफ रोशनी हो, लेकिन रात हो।

बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायतें जो बयां नहीं होतीं।

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोड़ा करते।

तुम्हें देख कर देखता रह गया,
क्या कहूँ और कहने को क्या रह गया।

साए साए लपकते हैं दरीचों से अंधेरे,
चुपके चुपके शाम आई, और चुपके से चली गई।

चाँद रातों में मुझसे बातें करता है,
तुम्हारा जिक्र नहीं करता, मगर तुमसे मिलता है।

कभी जिंदगी से एक मुलाकात तो करो,
हर वक्त गिले शिकवे नहीं करते।

कभी तो कागज़ पे लिखा था तेरा नाम मैंने,
लोग आज भी वह किताब ढूंढते हैं।

कुछ न पूछो मेरी शख्सियत के बारे में,
आईना मेरा अब मेरे पास नहीं।

उस मोड़ से शुरू करनी है फिर से जिंदगी,
जहां सारा शहर अपना था और तुम अजनबी।

अजब है मौहब्बत का हाल देखिए,
ज़हर पी रहे हैं, कह रहे हैं कि जी रहे हैं।

आखों में पानी रखो, होंठों पे चिंगारी रखो,
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो।

दिल में उम्मीदें और भी हैं,
गम की भी कई वजहें हैं।

वो बात भी याद है,
और भूलने का अंदाज भी।

वो हमसफर था मगर उससे हमनवाई न थी,
कि धूप-छाँव का आलम रहा, जुदाई न थी।

वो उम्र का दरिया था,
तेरा ख्वाब समझ बैठा।

नहीं आती उसे कभी नींद,
हमसे नज़रें जो मिलाने वाला।

बहुत कुछ था और बहुत कुछ खो गया,
पर ज़िन्दगी का एक अहसास था जो रह गया।

सन्नाटों की चुप्पी भी सुनाई देती है,
खामोश लम्हों की गुफ्तगू भी सुनाई देती है।

लम्हे जीने का शौक है वरना,
जिंदगी तो खत्म होने का नाम है।

जिनको आँखों से बसा रखा है दिल में,
वो अब नींदों में आकर ख्वाब चुराते हैं

तुम्हारे बाद किसी को नहीं दिया हमने,
वो प्यार जो तुम्हारे लिए रखा था।

एक बात कहूँ अगर बुरा न लगे,
जिंदगी बहुत खूबसूरत है, अगर साथ निभाओ

वक्त की इस बिसात पर,
हर एक मोहरा जीतता नहीं।

कहते हैं जब भी कोई दिल को छू जाता है,
मिलता है उसे सुकून और फिर दिल को हिला जाता है।

तुमसे बिछड़ना हमें मंजूर नहीं था,
इसलिए दिल को भी खुद से हज़ारों बार सवाल किया।

हमेशा ख्यालों में ही रहना,
चाहे जुदाई का फासला कितना भी हो।

तुम्हारे बिना हर लम्हा अधूरा सा लगता है,
जैसे सुबह की चाय बिना चीनी के।

जिन्दगी भी उस किताब की तरह है,
जो न पढ़ी हो, वो ज्यादा इंट्रेस्टिंग लगती है।

चाँदनी रात में भी,
हमने तुम्हारे बिना तन्हाई के दृश्य देखे हैं।

दिल में तुझसे मिले लम्हे,
जैसे पुराने प्रेम पत्र की तरह बिखरे हुए हैं।

तुम्हारे बिना मेरे चेहरे की हँसी,
बिना मंजर के किसी सूने सन्नाटे की तरह है।

ज़िन्दगी में कई बार ऐसे मोड़ आते हैं,
जहां कोई समझाए भी नहीं और समझे भी नहीं।

तेरे ख्वाबों की नींद से उठकर,
हमने अपनी सच्चाई को और अच्छे से समझा।

मेरी राहों में ही कहीं छुपा है,
तेरा साया, जो हमेशा मेरे साथ चलता है।

तुम्हारे बिना जीने का तरीका भी बदल गया है,
अब ज़िन्दगी भी किसी और सलीके से जी जाती है।

बिछड़ जाने के बाद भी,
तेरे साथ होने का अहसास कम नहीं हुआ।

मुझे तो तुम्हारा इंतज़ार है,
तेरे बिना हर रोज़ दिल तोड़ते हैं।

कभी तो याद करोगे हमें,
हमसे बिछड़े हुए लम्हों की तरह।

दुनिया के सारे रिश्ते बड़े रह जाते हैं,
ख़्वाब और यादें छोटी छोटी रह जाती हैं।

तुम्हारे बिना सब कुछ अधूरा सा लगता है,
जैसे एक खूबसूरत किताब बिना कवर के।

वो मिल जाए तो समझो खुशियाँ मिल गईं,
वरना ज़िन्दगी की राहें भी गुमनाम रह जाती हैं।

दिल की धड़कनें भी कहती हैं तुमसे,
तुम्हारे बिना सब कुछ अधूरा सा लगता है।

हवा में खुशबू की तरह बसी है तुम्हारी याद,
कभी भी महसूस करूं, हर ओर तुम्हारी महक है।

दिल की बातें भी कभी शब्द बन जाती हैं,
कभी चुप रहती हैं, कभी दिल की धड़कनें बोल जाती हैं।

उस मोड़ पर खड़ा हूँ, जहाँ तुम्हारे बिना हूँ,
ज़िन्दगी के रास्ते पर, तुम्हारे इंतज़ार में हूँ।

हर ख्वाब में तुमसे मिलने की तमन्ना है,
ज़िन्दगी के हर पल में तुम्हारी यादें हैं।

ज़िन्दगी से उम्मीदें ही नहीं, तुम्हारी यादें भी तो हैं,
जिन्हें दिल से बाहर कर पाने की कोशिशें हैं।

तेरे बिना हर रंग फीका सा लगता है,
तेरे साथ ही तो ज़िन्दगी में सवेरा होता है।

तुम्हारे बिना भी कुछ नहीं बदलता,
सिर्फ दिल की धड़कनें थोड़ी और तेज हो जाती हैं।

तुम्हारे बिना जीना भी एक कला है,
जो तुम्हारे बिना भी रंगीन बन जाती है।

दिल के हर कोने में बस जाती है तसव्वुर तुम्हारा,
जैसे हर लम्हा तुमसे ही भरा हो।

तेरे बिना ही सही, मगर कभी कभी याद आ जाती है,
वो पुरानी बातें, जो अब भी दिल को छू जाती हैं।

जिन लम्हों में तुम थे, वो ख्वाब बन गए हैं,
बची हुई ज़िन्दगी अब उनकी यादों के सहारे है।

तुम्हारी खामोशी भी एक कहानी कहती है,
जो मेरे दिल को बेइंतहा छू जाती है।

सपनों में ही सही, तुमसे मुलाकातें होती रहती हैं,
कभी सुबह, कभी शाम, कभी रात की बातों में।

तुम्हारे बिना भी मैं हंसने की कोशिश करता हूँ,
लेकिन हर हंसी में तुम्हारी कमी झलक जाती है।

तेरे साथ बिताए हर लम्हे की याद,
ज़िन्दगी की सबसे हसीन बात है।

तुम्हारी यादें भी मेरे साथ चलती हैं,
जैसे हर सुबह सूरज की किरणें।

बिछड़ने के बाद भी, तुम्हारा अहसास हमेशा रहेगा,
जैसे सर्दी में धूप की पहली किरण।

तेरे बिना दिल की धड़कनें भी अनकही लगती हैं,
सच्चाई की आवाज़ भी अब मुझसे छुपी रहती है।

तेरे बिना लम्हे कुछ अधूरे से लगते हैं,
जैसे एक किताब के बिना उसकी कहानियां।

तुम्हारे बिना हर मोड़ पर कुछ छूट जाता है,
जैसे तुम्हारे बिना जीने का तरीका।
“सहर की उजास भी अब तेरे बिना अधूरी है।”

“तेरे बिना भी लम्हे हंसते हैं, पर ख़ुशी नहीं होती।”

“तेरे प्यार की चिट्ठियाँ अब भी दिल की अलमारी में हैं।”

उम्मीदें ज़िन्दगी के रंगीन सपने हैं, जो हमेशा चमकते रहते हैं।”

“दिल के जख्मों को चुप्पी में छुपा लिया है।”

“तुम्हारी यादें अब भी हर पल साथ चलती हैं।”

“ख़्वाबों में तेरे साथ बिताए लम्हे सच्चाई से प्यारे हैं।”

“ज़िन्दगी के सफर में तुम्हारी कमी हर मोड़ पर महसूस होती है।”

“चाहे कितनी भी दूरी हो, दिल की धड़कनें हमेशा तुम्हारे पास हैं।”

“तेरे बिना भी हर लम्हा जीना पड़ता है, लेकिन अधूरा लगता है।”

तुम्हारी ख़ामोशी भी बयां कर देती है दिल की दास्तान।”

“अजनबी सी ज़िन्दगी में, हर चेहरा अब तुम्हारा लगता है।”

“तुमसे बिछड़ने की दर्द, मेरी सबसे प्यारी याद बन गई है।”

“छोटे छोटे लम्हे भी तुम्हारी यादों से भर जाते हैं।”

“चाहे जितनी भी दूरियाँ हों, दिल की राहें हमेशा एक होती हैं।”

“तुम्हारे बिना हंसी की मिठास भी फीकी लगती है।”

“तेरे बिना दिल के जख्म भी अब आदत बन गए हैं।”

“हर सुबह तुम्हारी यादों से शुरू होती है, जैसे सूरज की पहली किरण।

“तेरे बिना भी जीना पड़ता है, लेकिन हर दिन एक संघर्ष होता है।”

“तुम्हारी बातों की गूंज अब भी मेरे दिल की धड़कन में है।”

“तेरे बिना सब कुछ अधूरा है, जैसे कहानी का कोई हिस्सा छूट गया हो।”

“हर याद तुम्हारी, दिल की धड़कनों का हिस्सा बन गई है।”

“तुम्हारी हँसी के बिना, दिन भी जैसे सर्दी की तरह बेमजा है।”

“ख़्वाबों में तुम्हारी बातें सुनना, अब मेरा सबसे बड़ा सुख बन गया है।”

“तुम्हारी खामोशी भी दिल को चीर देती है, जैसे कोई गहरी बात हो।”

“हर सुबह तुम्हारी यादों के बिना अधूरी सी लगती है।”

“तुम्हारे बिना भी दिल के धड़कनें उसी तरह चलती हैं, बस आवाज़ कम हो जाती है।”

तेरे बिना जीने की कोशिशें भी अब थक गई हैं।”

“तुम्हारी यादें मेरी ज़िन्दगी की सबसे प्यारी सज़ा हैं।”

“तेरे बिना सर्द रातें भी गर्मी की तरह लगती हैं।”

“दिल की गहराई से निकली हर आवाज़, तुम्हारी यादों से जुड़ी है।”

तेरे बिना जीवन की हर राह जैसे सूनी और बेजान लगती है।”

“तुम्हारी बातों की गूंज अब भी मेरे दिल के अंदर गहरी है।”

“तेरे बिना भी मुस्कुराना पड़ा, पर हँसी अब भी अधूरी है।”

“तुम्हारे बिना भी जीवन की किताब पढ़नी पड़ी, लेकिन हर पन्ना तुम्हारी कमी से भरा है।”
तेरे बिना दिल की धड़कनें भी अब बेवजह लगती हैं।”

“तुम्हारी यादें मेरी ज़िन्दगी की सबसे सच्ची हकीकत हैं।”

“तेरे बिना भी जीना पड़ता है, लेकिन हर दिन एक याद छोड़ जाता है।”

तुम्हारे बिना हंसना भी एक आदत बन गई है, लेकिन दिल को शांति नहीं मिलती।”

“ज़िन्दगी की हर सुबह तुम्हारी यादों से शुरू होती है।”

“तेरे बिना भी दिन गुज़र जाते हैं, लेकिन दिल की धड़कनें धीमी हो जाती हैं।”

“हर ख़्वाब तुम्हारी यादों की एक कहानी बन जाता है।”

“तुम्हारी खामोशी की गहराई भी दिल को छू जाती है।

“तेरे बिना जीने की आदत भी अब एक तकलीफ बन गई है।”

“तुम्हारी यादों की गूंज अब दिल की सबसे प्यारी आवाज़ बन गई है।”

– gulzar

“तुम्हारे बिना हर लम्हा एक खाली पन्ना सा लगता है।”

– gulzar

Gulzar Shayari Collection: Top Poems and Quotes

If you’re a fan of poetry, you’ll appreciate our Gulzar Shayari Collection. Gulzar, renowned for his profound and evocative verses, offers some of the best shayari that touches the heart and soul. In this collection, we’ve curated the top Gulzar poems and quotes that highlight his unique style and depth. Whether you’re looking for inspiration or simply enjoying beautiful words, this selection of Gulzar’s best shayari is sure to resonate.

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