जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ।  पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।

शिक्षा और कानूनी करियर 

1888 में गांधीजी ने इंग्लैंड जाकर कानून की पढ़ाई की और बैरिस्टर बने। 

रंगभेद के खिलाफ सत्याग्रह किया और सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की।

1915 में भारत लौटने के बाद, गांधीजी ने असहयोग आंदोलन और स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की।

1930 में गांधीजी ने दांडी मार्च किया, जिसमें नमक कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

भारत की स्वतंत्रता  15 अगस्त 1947 को प्राप्त हुई,

गांधीजी की अहिंसा और सत्याग्रह की शिक्षाएँ आज भी प्रेरणा का स्रोत